A Secret Weapon For Shodashi

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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

साहित्याम्भोजभृङ्गी कविकुलविनुता सात्त्विकीं वाग्विभूतिं

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

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श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥

यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।

वन्दे सर्वेश्वरीं देवीं महाश्रीसिद्धमातृकाम् ॥४॥

Shodashi’s mantra can help devotees launch previous grudges, soreness, and negativity. By chanting this mantra, people cultivate forgiveness and psychological launch, endorsing assurance and the ability to shift forward with grace and acceptance.

कामाकर्षिणी कादिभिः स्वर-दले गुप्ताभिधाभिः सदा ।

हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः

चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया

वन्दे तामष्टवर्गोत्थमहासिद्ध्यादिकेश्वरीम् ॥११॥

more info इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।

, the creeper goddess, inferring that she's intertwined with her legs wrapped around and embracing Shiva’s legs and system, as he lies in repose. Being a digbanda, or protecting force, she procedures the northeastern way from whence she provides grace and security.

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